NSE और BSE का क्या है?

BSC क्या है ?

BSc का मतलब बैचलर ऑफ साइंस (Bachelor of Science) होता है। यह विज्ञान stream में स्नातक स्तर की एक डिग्री है। यह 3 साल का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम होता है, जिसे भारत में विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों द्वारा पेश किया जाता है।


NSE और BSE का क्या है?


BSc में विभिन्न विषयों का अध्ययन किया जाता है, जिनमें कुछ लोकप्रिय विषय शामिल हैं:

  • भौतिकी (Physics)
  • रसायन विज्ञान (Chemistry)
  • जीव विज्ञान (Biology)
  • गणित (Mathematics)
  • कंप्यूटर विज्ञान (Computer Science)
  • इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics)
  • कृषि (Agriculture)
  • घरेलू विज्ञान (Home Science)
  • मनोविज्ञान (Psychology)
  • अर्थशास्त्र (Economics)

BSc करने के लिए योग्यता:

  • 12वीं विज्ञान stream में कम से कम 50% अंक (कुछ विश्वविद्यालयों में 60% भी हो सकते हैं)
  • कुछ विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा भी आयोजित की जाती है

BSc करने के बाद करियर विकल्प:

  • सरकारी नौकरियां:
    • वैज्ञानिक
    • लेक्चरर
    • रिसर्च ऑफिसर
    • कृषि अधिकारी
  • अध्यापन:
    • विद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षक
  • निजी क्षेत्र:
    • रिसर्च एंड डेवलपमेंट
    • फार्मास्यूटिकल कंपनियां
    • आईटी कंपनियां
    • बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं
    • पर्यावरणीय एजेंसियां

BSc एक बहुमुखी डिग्री है जो विभिन्न क्षेत्रों में करियर के अवसर प्रदान करती है। यह उन छात्रों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो विज्ञान में रुचि रखते हैं और आगे की पढ़ाई या अनुसंधान करना चाहते हैं।

यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है जो आपके लिए उपयोगी हो सकती है:

  • BSc की विभिन्न विशेषज्ञताएं:
    • कुछ विश्वविद्यालय BSc में विभिन्न विशेषज्ञताएं प्रदान करते हैं, जैसे कि BSc (Physics with Electronics), BSc (Computer Science with Mathematics), etc.
  • M.Sc में प्रवेश:
    • BSc करने के बाद, आप M.Sc (Master of Science) में प्रवेश कर सकते हैं, जो विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री है।
  • अन्य स्नातक डिग्री:
    • विज्ञान stream में B.Tech (Bachelor of Technology) और B.Pharm (Bachelor of Pharmacy) जैसी अन्य स्नातक डिग्री भी उपलब्ध हैं।

NSE क्या है ?


NSE का मतलब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड है। यह भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से सबसे उन्नत स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना 1992 में हुई थी और इसका मुख्यालय मुंबई में है।

एनएसई पर विभिन्न प्रकार के शेयरों का कारोबार होता है, जिनमें इक्विटी, डेरिवेटिव, म्यूचुअल फंड और बॉन्ड शामिल हैं। यह भारत के 200 से अधिक शहरों में 20,000 से अधिक टर्मिनलों के माध्यम से निवेशकों को जोड़ता है।

एनएसई भारत के पूंजी बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है।

NSE के कुछ मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:

  • शेयरों का लेन-देन प्रदान करना: एनएसई एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जहां निवेशक शेयर खरीद और बेच सकते हैं।
  • नई कंपनियों को सूचीबद्ध करना: एनएसई कंपनियों को अपनी पूंजी जुटाने के लिए अपने शेयरों को एक्सचेंज पर सूचीबद्ध करने की अनुमति देता है।
  • बाजार में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देना: एनएसई बाजार में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए नियमों और विनियमों का एक सेट लागू करता है।
  • निवेशकों को शिक्षित करना: एनएसई निवेशकों को शिक्षित करने और उन्हें शेयर बाजार में निवेश करने के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करता है।


NSE और BSE: भारत के प्रमुख शेयर बाजार


NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) और BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) भारत के दो प्रमुख शेयर बाजार हैं। ये इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म हैं जहाँ शेयर, डेरिवेटिव, बॉन्ड, ETF आदि जैसे विभिन्न वित्तीय साधन खरीदे और बेचे जाते हैं।

स्थापना:

  • BSE: 1875 में "द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन" के नाम से स्थापित, यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है।
  • NSE: 1992 में स्थापित, 1994 में इसका संचालन शुरू हुआ।

मुख्य अंतर:


विशेषताNSEBSE
बाजार पूंजीकरणभारत में सबसे बड़ादूसरा सबसे बड़ा
सूचीबद्ध कंपनियां16965749
बेंचमार्क इंडेक्सनिफ्टी 50सेंसेक्स
स्थापना19921875
व्यापार प्रणालीपूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक1995 तक ओपन-आउटक्राय, फिर पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक



अन्य महत्वपूर्ण बातें:

  • दोनों NSE और BSE को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा विनियमित किया जाता है।
  • दोनों एक्सचेंजों में विभिन्न प्रकार के ट्रेडिंग ऑर्डर उपलब्ध हैं।
  • आप शेयर दलाल या ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से इन एक्सचेंजों पर व्यापार कर सकते हैं।

यह भी ध्यान रखें:

  • शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा हो सकता है।
  • निवेश करने से पहले, आपको अपनी वित्तीय स्थिति और जोखिम सहनशीलता का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करना चाहिए।
  • किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए।


अधिक जानकारी के लिए इन वेबसाइट पर जाये :



निष्कर्ष:

NSE और BSE दोनों ही भारतीय शेयर बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे निवेशकों को विभिन्न प्रकार के वित्तीय साधनों में व्यापार करने और अपनी पूंजी बढ़ाने का अवसर प्रदान करते हैं।


Post a Comment

Previous Post Next Post